फ्रेंचाइजी क्या है | नई बिज़नेस फ्रैंचाइज़ी कैसे शुरू करें | Franchise meaning in Hindi

फ्रेंचाइजी मीनिंग इन हिंदी – आज हम आपको बताएँगे फ्रेंचाइजी का हिंदी मीनिंग क्या है व फ्रेंचाइजी किसे कहते हैं? फ्रेंचाइजी से क्या फायदा होता है? ये कितने प्रकार का होता है और आप किसी भी फ्रेंचाइजी को कैसे ले सकते हैं। इसके अलावा फ्रेंचाइजी लेते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
Franchise meaning in Hindi
अगर आप खुद का कोई बिज़नेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो फ्रेंचाइजी के बारे में जान लेना आपके लिए बहुत जरुरी है। क्यूंकि फ्रेंचाइजी एक ऐसा सिस्टम है जिससे कम समय में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
चलिए सबसे पहले ये जान लेते हैं कि फ्रेंचाइज, फ्रेंचाइजी व फ्रेंचाइजर में क्या अंतर होता है और इसका हिंदी मीनिंग क्या है।

Franchise meaning in Hindi

काफी सारी कंपनियां अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए कुछ लोगों को अधिकृत कर देती हैं मतलब ये कि उनको एक फ्रेंचाइजी बना देती हैं उसी को फ्रेंचाइज कहते हैं।
फ्रेंचाइज का हिंदी अर्थ है – विशेष विक्रय अधिकार, सुविधा, मताधिकार, राय देने का अधिकार, विशेष आज्ञा ली हुई वस्तु बेचना।

Franchisee meaning in Hindi

फ्रेंचाइजी का हिंदी अर्थ है – विशेष विक्रय अधिकार प्राप्त करने वाला, मताधिकार प्राप्त करने वाला या फ्रेंचाइजी लेने वाला।

Franchisor meaning in Hindi

फ्रेंचाइजर का अर्थ है – एक कंपनी या व्यक्ति जो फ्रेंचाइजी देता है। इसे आसान शब्दों में कहें तो फ्रेंचाइजर का मतलब है फ्रेंचाइजी देने वाला।

फ्रेंचाइजी क्या होती है?

What is franchise in Hindi – अपना कोई नया बिज़नेस शुरू करने और उससे कम समय में मुनाफा कमाने का सबसे बेहतरीन ऑप्शन फ्रेंचाइजी है। इसमें होता ये है कि आप किसी भी कंपनी के ब्रांड के नाम का इस्तेमाल करके अपने क्षेत्र में उसकी एक शाखा शुरू कर सकते हैं। इसे करने के लिए आपको जिस भी कंपनी का ब्रांड नाम, प्रोडक्ट इस्तेमाल करना है उस कंपनी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना पड़ता है व इसके लिए कुछ फीस भी देनी पड़ती है।
अगर कंपनी आपको अपने ब्रांड नेम, प्रोडक्ट आदि को इस्तेमाल करने यानी फ्रेंचाइजी खोलने की परमीशन दे देती है तो आप उस कंपनी का बिज़नेस करने का तरीका, उसका ब्रांड व उसके द्वारा तय की गई कीमत और तकनीकी आदि का उपयोग कर सकते हैं।
फ्रेंचाइजी एक ऐसा सिस्टम है जिसके जरिये आप किसी दूसरी कंपनी का नाम अपने कंपनी में जोड़ सकते हैं और उसकी एक ब्रांच खोल सकते हैं। फ्रेंचाइजी बिज़नेस लगभग सभी फील्ड में किया जा सकता है। जैसे – टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक, कंप्यूटर, एजुकेशन, फूड एंड बेवरेज, हेल्थ एंड ब्यूटी केयर आदि से जुड़ी किसी भी कंपनी से आप फ्रेंचाइजी के जरिये जुड़कर उसका ब्रांड इस्तेमाल कर सकते हैं।
चलिए आपको एक उदाहरण से समझाते हैं – मान लीजिये आप अपने क्षेत्र में अमूल का प्रोडक्ट बेचने के लिए अमूल के ब्रांड से रिलेटेड एक शाखा खोलना चाहते हैं तो आपको अमूल की फ्रेंचाइजी (Amul Franchise) लेनी पड़ेगी। इसके लिए आपको Amul कंपनी के मालिक से बात करनी होगी और फ्रेंचाइजी लेने के लिए जो भी नियम व शर्तें होंगी उसे पूरी कर लेने के बाद अगर फ्रेंचाइजी मिल जाती है तो आप इस कंपनी के नाम के साथ अपनी शाखा खोल पाएंगे।

फ्रेंचाइजी खोलने के फायदे

Franchise benefits in Hindi – आज के दौर में एक नया बिज़नेस शुरू करना और उसे सफल बनाना कोई आसान काम नहीं है। इसीलिए अक्सर बिज़नेसमैन एक नया ब्रांड स्थापित करने के बजाय पहले से चल रहे बिज़नेस का नाम व ब्रांड इस्तेमाल करना चाहते हैं और इसके लिए Franchise Business का सहारा लेते हैं। इस बिज़नेस मॉडल में फ्रेंचाइजी और फ्रेंचाइजर दोनों को लाभ होता है। आइये सबसे पहले देखते हैं कि फ्रेंचाइजी लेने वाले को क्या फायदे होते हैं।

फ्रेंचाइजी लेने वाले को क्या लाभ मिलता है?

फ्रेंचाइजी लेने वाले को सबसे पहला फायदा ये मिलता है कि उसे अपने ब्रांच के लिए प्रचार-प्रसार नहीं करना पड़ता। क्यूंकि जिस कंपनी की फ्रेंचाइजी ली है वह खुद ही एक ब्रांड है और प्रोडक्ट बनाने से लेकर उसकी मार्केटिंग व विज्ञापन वो खुद करेगी और ब्रांड के नाम से लोग आकर्षित होंगे व बिना मेहनत किये ग्राहक भी मिल जायेंगे।
फ्रेंचाइजी को सिर्फ प्रोडक्ट बेचना है और उसका कुछ कमीशन कंपनी को देना है व खुद भी मुनाफा कमाना है। इसके अलावा फ्रेंचाइजी लेने वाले को एक प्रसिद्ध कंपनी के साथ बिज़नेस करने का मौका मिल जाता है और वह उस कंपनी की तकनीकी और उसके व्यापार करने के तरीकों को समझकर बहुत थोड़े वक़्त में ही अपने बिज़नेस को ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

फ्रेंचाइजर को क्या लाभ मिलता है?

Franchise Business के इस सिस्टम के जरिये कंपनी अर्थात फ्रेंचाइजर को अपनी कंपनी में पैसा लगाने वाला मिल जाता है। जिससे उसे अपने बिजनेस को और बड़ा करने में आसानी होती है। अगर फ्रेंचाइजर अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए इन्वेस्टमेंट करेगा तो उसे जितना अधिक कंपनी का विस्तार करना है उतना अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। जबकि Franchise बिज़नेस मॉडल में फ्रेंचाइजी खोलने का पूरा खर्चा फ्रेंचाइजी लेने वाले को ही करना पड़ता है।
इसके अलावा अगर फ्रेंचाइजर अपनी प्रत्येक ब्रांचों पर एक मैनेजर नियुक्त कर देता है, तो उसे खर्च करने के साथ – साथ यह भी ध्यान देना होता है कि उसके द्वारा नियुक्त किया गया मैनेजर सही से काम कर रहा है या नहीं लेकिन फ्रेंचाइजी लेने वाले पर फ्रेंचाइजर पूरा भरोसा कर सकता है क्यूंकि इसमें अगर बिज़नेस में नुकसान होगा तो फ्रेंचाइजी के पैसे भी डूबने का खतरा बना रहता है।
अधिकतर व्यवसायी को छोटे-छोटे शहरों में इन्वेस्ट करने के लिए स्थानीय बाजार से जुड़ी जरुरी जानकारी व अनुभव नहीं होता है। ऐसे में इस बिज़नेस मॉडल के जरिये कंपनी यानी फ्रेंचाइज़र को स्थानीय बाजार की स्थितियों की जानकारी भी मिल जाती है।

फ्रेंचाइजी के प्रकार

व्यापारिक प्रकृति के आधार पर फ्रेंचाइजी मुख्यरूप से तीन प्रकार की होती है।

1. व्यापार प्रारूप फ्रेंचाइजी (Business Format Franchise)

यह अधिकांश व्यापारियों द्वारा उपयोग की जाने वाली सबसे सामान्य प्रकार की फ्रैंचाइज़ी है। इसमें कंपनी फ्रेंचाइजी को स्वतंत्र रूप से चलाने के लिए नाम और ट्रेडमार्क सहित एक स्थापित व्यवसाय प्रदान करती है। इसके अलावा व्यापार करने के तरीकों के साथ-साथ उस कंपनी द्वारा दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं।

2. उत्पाद वितरण फ्रेंचाइजी (Product Distribution Franchise)

इसमें आपको अपने तरीके से व्यापार करना है। कंपनी को आपके व्यापार करने के तरीके से कोई मतलब नहीं होता। कंपनी यानी फ्रेंचाइजर अपना प्रोडक्ट फ्रेंचाइजी को बेचने के लिए तो दे देता है परन्तु फ्रेंचाइजी लेने वाले को किसी भी तरह की व्यापारिक सहायता नहीं करता। फ्रेंचाइजर का फ्रेंचाइजी के साथ एक विक्रेता की तरह का सम्बन्ध होता है लेकिन फ्रेंचाइजी लेने वाला उसके ब्रांड नाम का इस्तेमाल कर सकता है।

3. उत्पाद निर्माण फ्रेंचाइजी (Product Manufacturing Franchise)

इस फ्रेंचाइजी के अंतर्गत कंपनियां फ्रेंचाइजी लेने वाले को उसका ब्रांड, उसका नाम, लोगो व साइन सभी चीजों का इस्तेमाल करने के साथ-साथ कंपनी के प्रोडक्ट को बनाने व सेवाएं देने कि परमीशन दे देती हैं। खासतौर पर खाने-पीने से सम्बंधित प्रोडक्ट बनाने वाली कपनियां जैसे – पानी का बिज़नेस करने वाली कंपनियां इस फ्रेंचाइजी का इस्तेमाल करती हैं।

फ्रेंचाइजी लेना है, कैसे लें?

How to Start a Franchise – किसी भी फ्रेंचाइजी को लेने के लिए आपको कुछ चीजों को ध्यान में रखने की जरुरत है जिसमें सबसे पहला है शुल्क एवं प्रतिशत मूल्य (Fees and percentage)।
शुल्क :- फ्रेंचाइजी देने के लिए किसी भी कंपनी का एक तय किया गया Fees (शुल्क) होता है और यह शुल्क फ्रेंचाइजी लेने वाले को भरना होता है। जो हर कंपनी के लिए अलग-अलग होता है।
प्रतिशत मूल्य :- जब कंपनी आपको अपने प्रोडक्ट को बेचने की परमिशन देती है तो कुछ कंपनियां आपके द्वारा बेचे गए उसके प्रोडक्ट से होने वाले मुनाफे की रकम का कुछ प्रतिशत भी लेती हैं। यह प्रतिशत पहले से आपके और कंपनी के बीच तय किये गए एग्रीमेंट पर निर्भर करता है।

फ्रेंचाइजी खोलने के लिए दस्तावेज

इसके लिए आपको मुख्य रूप से दो प्रकार के दस्तावेज की जरुरत होती है। पहला है – एफडीडी (फ्रेंचाइजी डिस्क्लोजर डॉक्यूमेंट) – इस डॉक्यूमेंट के जरिये फ्रेंचाइजी से रिलेटेड पूरी जानकारी दी जाती है। जैसे – आप फ्रेंचाइजी बिज़नेस किस जगह करेंगे, कैसे करेंगे, बिज़नेस चलाना कैसे है, इत्यादि।
दूसरा डॉक्यूमेंट है – फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट (Franchise agreement) – यह एक समझौता पत्र होता है। इसमें आपके और कंपनी के हस्ताक्षर होते हैं। यह एक प्रमाण होता है कि आप फ्रेंचाइजर के सभी नियम व शर्तों का पालन करेंगे।

नियम एवं शर्ते

Franchise terms and conditions – फ्रेंचाइजी लेने के लिए कंपनी यानी फ्रेंचाइजर के द्वारा माँगा गया शुल्क भरना होगा और कंपनी आपकी फ्रेंचाइजी के खुलने की जगह का भी निरीक्षण करेगी कि आप जहाँ फ्रेंचाइजी खोल रहे हैं वो जगह उपयुक्त है या नहीं।
आपको अपनी फ्रेंचाइजी का एक बिजनेस प्रपोजल भी कंपनी को देना होता है, जिसमें आपकी फ्रेंचाइजी कि लोकेशन और उससे जुड़े सभी दस्तावेज भी हों ताकि कंपनी के पास भी यह दस्तावेज प्रमाण के तौर पर मौजूद हो।
इसके अलावा फ्रेंचाइजी बांड भी साइन करना होता है। इसके जरिये आपको फ्रेंचाइजर कंपनी को यह भरोसा देना होता है कि आप कंपनी कि गाइडलाइन का पालन करेंगे और कंपनी की इस फ्रेंचाइजी को सही तरीके से चलाएंगे। ध्यान रखें कि फ्रेंचाइजी बांड पर हस्ताक्षर करने से पहले सभी नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ लें, उसके बाद ही साइन करें।

निष्कर्ष

दोस्तों हमने आपको फ्रेंचाइजी (Franchise meaning in Hindi) से सम्बंधित पूरी जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं हमारी ये पोस्ट फ्रेंचाइजी मीनिंग इन हिंदी आपको पसंद आयी होगी।
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