बुलाती है मगर जाने का नहीं…

bulati hai magar jaane ka nahi

Bulati Hai Magar Jaane Ka Nahi

क्या आपको भी शेर-ओ-शायरी पसंद है। काफी लोग इंटरनेट पर सर्च करते हैं वह बुलाती है मगर जाने का नहीं। ये शायरी इतनी पॉपुलर है कि इसे लोग सोशल साइट्स पर meme के लिए तो यूज़ करते ही हैं साथ ही इंटरनेट पर इसकी सर्च भी बहुत ज्यादा है। क्या आपको पता है बुलाती है मगर जाने का नहीं शायरी किसकी है। 

अगर नहीं पता तो हम आपको बता दें की ये शेर मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब का है। डॉ. राहत इंदौरी की ग़ज़लों ने हर लफ्ज़ के साथ मोहब्बत की एक नयी शुरुआत की है। उनकी शायरी दुनिया भर में मशहूर है। अब वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी शायरी को लोग आज भी उसी अंदाज में पढ़ते, सुनते और पसंद करते हैं। पेश है उन्हीं का एक मशहूर शेर…. 

बुलाती है मगर जाने का नहीं – राहत इंदौरी

बुलाती है मगर जाने का नहीं
ये दुनिया है इधर जाने का नहीं

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुज़र जाने का नहीं

ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो
चले हो तो ठहर जाने का नहीं

है दुनिया छोड़ना मंज़ूर लेकिन
वतन को छोड़कर का जाने का नहीं

सितारे नोच कर ले जाऊंगा
मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं

वबा फैली हुई है हर तरफ
अभी माहौल मर जाने का नहीं

वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर जालिम से डर जाने का नहीं

Bulati Hai Magar Jaane Ka Nahi
Ye Duniya Hai Idhar Jaane Ka Nahin

Mere Bete Kisee Se Ishq Kar
Magar Had Se Guzar Jaane Ka Nahin

Zameen Bhee Sar Pe Rakhanee Ho To Rakho
Chale Ho To Thahar Jaane Ka Nahin

Sitaare Noch Kar Le Jaoonga
Main Khaalee Haath Ghar Jaane Ka Nahin

Vaba Phailee Huee Hai Har Taraph
Abhee Maahaul Mar Jaane Ka Nahin

Vo Gardan Naapata Hai Naap Le
Magar Jaalim Se Dar Jaane Ka Nahin

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